इस लेख में हम आपको जयपुर में घूमने की बेस्ट जगह (Jaipur Me Ghumne Ki Best Jagah) के बारे में बतायेंगे। जयपुर राजस्थान की राजधानी है। राजस्थान भारत का सबसे बड़ा राज्य है। जयपुर को गुलाबी शहर या पिंक सिटी के नाम से भी जाना जाता है। कहा जाता है कि जयपुर शहर को वेल्स के राजकुमार के स्वागत की खुशी में गुलाबी (गेरुआ) रंग से रंगा गया था और तभी से इसे ‘गुलाबी शहर’ के नाम से जाना जाने लगा। इसको सबसे पहले स्टैनली रीड ने पिंक सिटी बोला था । जयपुर में आपको बहुत सी घूमने की जगह मिलेगी जहाँ आप अपने परिवार और दोस्तों के साथ घूम सकते हो। जयपुर का नाम सुनते ही दिमाग में सबसे पहले हवा महल का नाम आता है।
जयपुर में घूमने की बेस्ट जगह – Jaipur Me Ghumne Ki Jagah
भारत में ऐसी कई एतिहासिक इमारतें हैं जो बेहद ही खास और अनोखी हैं । खासकर राजस्थान में तो ऐसी एतिहासिक इमारतों की भरमार है जो सैकड़ों साल पुरानी हैं । हम आपको जयपुर में घूमने की बेस्ट जगह (Jaipur Me Ghumne Ki Best Jagah) के बारे में बतायेंगे । जहाँ आप इस मौसम में अपने दोस्तों और फैमिली के साथ घूमने का प्लान बना सकते हो ।
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हवा महल (Hawa Mahal)
जयपुर के महाराजा सवाई सिंह द्वारा बनवाया गया यह हवा महल खूबसूरती का प्रतीक है। राजा ने यह महल अपनी महारानियों के लिए बनवाया था। ताकि महारानियाँ गली, मोहल्ले में होने वाले त्योहारों, उत्सवों और होने वाले आयोजनों को देख सके। इस हवा महल में 953 झरोखे है जिसमे से रानियां सारा नज़ारा देखा करती थी। यह झरोखे या जालियां ऐसी बनाई गयी है कि इसमें बाहर वाला व्यक्ति अंदर वाले व्यक्ति को नहीं देख सकता है। यह हवा महल हिन्दू, राजपूत और इस्लामिक वास्तुकला द्वारा बनाया गया है। इस महल को महाराजा सवाई प्रताप सिंह ने 1799 ई. में बनवाया था। जयपुर का यह हवा महल भारत के प्रसिद्ध जगहों में से एक है। यहाँ आप अपने दोस्तों और फॅमिली के साथ छुटियाँ मनाने जा सकते हो। इस महल में जाने के लिए टिकट दो प्रकार का है। विदेशी लोगो के लिए 50 रूपये है वही भारतीयों के लिए 10 रूपये है। अगर आप फोटो खींचना या रील्स बनाना चाहते हो तो उसके लिए आपको अलग से पैसा देना होगा।जिसके लिए सुबह का समय अच्छा रहता है। हवा महल के खुलने का समय सुबह 9:00 बजे से शाम के 5:00 बजे तक रहता है।
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अल्बर्ट हॉल संग्रहालय (Albert Hall Museum)
अल्बर्ट हॉल संग्रहालय राजस्थान के जयपुर में राम निवास गार्डन में बना हुआ है। यह संग्रहालय राजस्थान का सबसे पुराना संग्रहालय है। अल्बर्ट हॉल संग्रहालय को महाराजा सवाई रामसिंह द्वितीय ने 6 फरवरी 1876 ई. में वेल्स के राजकुमार ‘अल्बर्ट एडवर्ड’ की जयपुर यात्रा के समय उनकी स्मृति के रूप में इस संग्राहलय का निर्माण प्रारम्भ कराया। इस भवन के डिजाइन को सर स्विंटन जैकब ने किया था। यह भारतीय व फ़ारसी शैली में बनी देश की एकमात्र ऐसी इमारत है जिसमें कई देशों की स्थापत्य शैली का समावेश देखने को मिलता है। इस भवन के अंदर जाते ही एक बड़ा सा हाल है जिसमें जयपुर के राजाओं के चित्र व राजचिह्न हैं। चारों तरफ भारतीय और विदेशी कला के नमूनों की प्रतिकृतियाँ व चित्र हैं। इस संग्रहालय में आपको मिस्र की मम्मी, कई पुराने चित्र, दरियाँ, हाथी के दाँत, कीमती पत्थर, धातु, मूर्तियाँ रंगबिरंगी कई वस्तुएँ देखने को मिलती है। इस अल्बर्ट हॉल को “सरकारी केन्द्रीय संग्रहालय” के नाम से भी जाना जाता है। इसके खुलने का समय सुबह 9:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक और शाम को 7:00 बजे से रात 10:00 बजे तक रहता है। यह सप्ताह के सभी दिन खुलता है। इसका टिकट कई प्रकार से है जैसे – भारतीय दर्शकों के लिए प्रवेश शुल्क 40 रुपये है जबकि विदेशी पर्यटकों के लिए प्रवेश शुल्क 300 रुपये है। 7 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए टिकट फ्री हैं और वैध आईडी कार्ड वाले छात्रों को टिकट में 50 % की छूट मिलती है।
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जलमहल (Jal Mahal)
जलमहल राजस्थान की राजधानी जयपुर में आमेर मार्ग पर मानसागर झील के बीचों-बीच में बना एक प्रसिद्ध ऐतिहासिक महल है। यह मानसागर झील अरावली पहाड़ियों के गर्भ में स्थित है। मानसागर झील के बीचों-बीच में होने के कारण इसे कई नामों से जाना जाता है जैसे- आई बॉल, रोमांटिक महल, अंडरवाटर पैलेस, फ्लोटिंग पैलेस और वाटर पैलेस आदि। इस महल को सवाई जयसिंह ने 1799 ई. में करवाया था। जिसे बने तो 221 साल हो चुके हैं। कहा जाता है कि इस महल के निर्माण से पहले जयसिंह ने जयपुर की जलापूर्ति के लिए गर्भावती नदी पर बांध बनवाकर मानसागर झील का निर्माण करवाया था। राजा अपनी रानी के साथ खास वक्त बिताने के लिए इस महल का इस्तेमाल करते थे। यह जल महल शहर की भागदौड़ से दूर एक शानदार और शांत जगह पर बना है। इस महल की खास बात है कि यह पाँच मंजिल का बना है। जिसमे चार मंजिल पानी के अंदर डूबा हुआ है और एक मंजिल ही पानी दिखता है। शायद इसीलिए इस जल महल में गर्मी तनिक भी महशूस नहीं होती। इस महल से आप झील और पहाड़ों का खूबसूरत नज़ारा देख सकते हो। यह जलमहल जयपुर में घूमने की बेस्ट जगह (Jaipur Me Ghumne Ki Best Jagah) में से एक है।
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जयगढ़ किला (Jaigarh Fort)
राजस्थान एक ऐसा राज्य है जहाँ आपको राजा महराजाओं की ऐतिहासिक जगह देखने को मिलेगी। इसमें कई किले भी है। उनमें से जयगढ़ किला काफी प्रसिद्ध किला है। इस किले को महाराजा स्वाई जयसिंह द्वितीय ने सन 1726 ई. बनवाया था। यह किला जयपुर के अरावली पर्वत (चील का टीला) पर आमेर में स्थित है। इस किले को ‘विजय किला’ (जीत किला) के रूप में भी जाना जाता है। जयगढ़ किला को उस समय खजाने की रक्षा करने के लिए और आमेर की रक्षा प्रणाली के रूप में इस्तेमाल किया जाता था। यह किला जयपुर के सबसे मजबूत स्मारकों में से एक है। जयगढ़ किला पर्यटकों के लिए एक आकर्षण का केंद्र है। इस किले में पहियों पर चलने वाली दुनिया की सबसे बड़ी तोप है जिसे “जयवाना” (जयवाना तोप) कहते है। जयगढ़ किला और आमेर किला सड़क मार्ग से जुड़े हुए हैं और एक ही परिसर में हैं। जयगढ़ किला घूमने के लिए सबसे अच्छा समय सितम्बर से मार्च तक रहता है। आप यहाँ फैमिली के साथ और दोस्तों के साथ आ सकते हो। यह सप्ताह के सातों दिन सुबह 9:00 बजे से शाम के 6:00 बजे तक खुला रहता है। पर्यटकों को रात में यहाँ रुकने से मना किया जाता है क्योकि यहाँ जंगल है। जंगली जानवरों का खतरा भी हो सकता है। इस किले में जाने के लिए आप “डूंगर दरवाजे” से प्रवेश करेंगे। इसका टिकट भारतियों के लिए 70 रूपये और विदेशियों के लिए 150 रूपये है। आप यहाँ किले के चारों ओर घूम सकते हो। तोप और तोपखानों को पास देख सकते हो।
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नाहरगढ़ किला (Nahargarh Fort)
नाहरगढ़ किला राजस्थान के जयपुर शहर से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर बना है। जो अरावली पहाड़ियों के किनारे पर स्थित है। इस किले की नींव महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय ने रखी थी जो बाद में राजा राम सिंह और महाराजा माधव सिंह के कार्यकाल में इसका निर्माण पूरा हुआ। इसका पुराना नाम “सुदर्शनगढ़” था। यह किला राजा ने अपनी रानियों के लिए बनवाया था। वहाँ के लोकल लोग नाहरगढ़ किला को भूतिया किला कहते है। लोग कहते है कि जब इस किले का निर्माण कार्य चल रहा था तो उसमे एक प्रेतात्मा आ गई। वह प्रेतात्मा दिन में बनाई गयी दीवारों को रात में गिरा देती थी। इसकी जानकारी जब एक तांत्रिक को दी गई तो उन्होंने बताया कि ये आत्मा एक वीर योद्धा नाहर सिंह भोमिया की थी। जिनका युद्ध में सिर कटने के बाद भी धड़ लड़ता रहा था। उस प्रेतात्मा के आदेश पर वहाँ एक मंदिर बनाया गया। तब जाकर किले का निर्माण कर पूरा हुआ। तब से इस किले का नाम नाहरगढ़ किला कर दिया गया। इस किले से आप आमेर और जयपुर शहर को देख सकते हो। आप जब भी जयपुर घूमने के लिए आये तो आप नाहरगढ़ किले को जरूर देखना। यहाँ का टिकट भारतीय भारतीय पर्यटकों ले लिए 50 रूपये है। वहीं विदेशी पर्यटकों के लिए 200 रूपये हैं। नाहरगढ़ किला सुबह 10:00 बजे से शाम को 5:30 बजे खुला रहता है। यहाँ पर पर्यटकों को रुकने की सलाह नहीं दी जाती है क्योंकि यह किला घने जंगल से घिरा हुआ है। यह जंगल नाहरगढ़ कई जंगली जानवरों का घर है। नाहरगढ़ किला जयपुर में घूमने की सबसे बेस्ट जगह (Jaipur Me Ghumne Ki Best Jagah) में से एक है।
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आमेर किला व महल (Amber Fort And Palace)
आमेर किला राजस्थान के देवीसिंहपुरा आमेर, जयपुर में स्थित है। यह आमेर किला अरावली की एक पहाड़ी पर बना हुआ है। जो जयपुर का प्रमुख पर्यटक आकर्षण का केंद्र है। आमेर किले को सन 1726 ई. में मिर्जा राजा जय सिंह के द्वारा महल परिसर की सुरक्षा के लिए बनाया गया था। यह किला राजस्थान का सबसे प्रमुख टूरिस्ट पलेसेस में से एक है। यह खूबसूरत किला लाल बलुआ पत्थर और संगमरमर से बनाया गया है। देश-विदेश से लोग यहाँ पर घूमने के लिए आते है। “सूरज पोल” आमेर किले का मुख्य प्रवेशद्वार है। जहाँ से आप जायेंगे। इस द्वार को सूरज पोल इसलिए कहा जाता है क्योंकि इस द्वार से उगते हुए सूर्य की किरणें दुर्ग में प्रवेश करती है। आमेर किले का टिकट भारतीय पर्यटकों के लिए 50 रुपये और विदेशी पर्यटकों के लिए 550 रुपये है। यहाँ लाइट शो भी होता है जिसके लिए आपको अलग से पैसे लगते है। आमेर किले को आमेर दुर्ग और अंबर किला भी कहा जाता है। इस किले में फिल्मों की शूटिंग भी होती है। कुछ फिल्मे जिनकी शूटिंग यहाँ हुई जैसे – भूल भुलैया, जोधा अकबर, बाजी राव मस्तानी और कई सारी फ़िल्में बनी है। इस किले से माओटा झील भी दिखाई देती है। जो कभी किले के जल आपूर्ति का प्रमुख स्रोत थी। इस किले के खुलने का समय सुबह 8:00 से शाम 5:30 और शाम 6:30 से रात 9:15 बजे खुला रहता है
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जंतर मंतर (Jantar Mantar)
जंतर मंतर, जयपुर में स्थित एक ऐतिहासिक स्थल है। जिसे महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय ने 18वीं सदी में बनवाया था। यह एक प्राचीन ज्योतिष उपकरणों का संग्रह है जो ऐतिहासिक घटनाओं और नक्षत्रों की गणना के लिए बनाया गया था। यहाँ कुछ विशेष चीजें है जिसे देखने के लिए लोग जंतर मंतर में आते है।
यदि आपको ज्योतिष और खगोल विज्ञान में थोड़ा बहुत भी जानने की रूचि हो तो आप जंतर मंतर में इनके कुछ अद्भुत उपकरण देखने के लिए जा सकते है। यहाँ आपको सम्राट यंत्र (यह एक विशाल सनडाइल है जो समय की गणना के लिए बनाया गया है।) ,राम यंत्र और जय प्रकाश यंत्र (यह दोनों यंत्र सूर्य की गति का अनुमान लगाने के लिए बनाया गया है।) ,चक्र यंत्र (यह यंत्र आकाशगंगा और नक्षत्रों का अध्ययन करने के लिए बनाया गया है।) ,नदीवालय यंत्र (यह यंत्र सूर्य की किरणों का निर्धारण करने के लिए बनाया गया है। इससे दिनांक और समय का अनुमान लगाया जा सकता है।) ,दिगम्श यंत्र (यह यंत्र दिशाओं का अनुमान लगाने के लिए बनाया गया है।) और ज्यादा जानकारी के लिए आप गाइडेड टूर्स भी ले सकते हैं। यह आपको स्थल के इतिहास और उपकरणों के महत्व को समझने में मदद करेगा। जंतर मंतर, जयपुर का एक ऐसा स्थल है। जहाँ पर आप वैज्ञानिक और गणितिक दृष्टिकोण से भरपूर अनुभव कर सकते हैं, साथ ही आप इसके ऐतिहासिक महत्व को भी समझ सकते हैं। जंतर मंतर में पर्यटकों का प्रवेश शुल्क भारतीय और विदेशी पर्यटकों के लिए अलग-अलग है। भारतियों के लिए 50 रूपये और विदेशी पर्यटकों के लिए 200 रूपये है। इसके खुलने का समय सुबह 9:00 से शाम 5:00 बजे तक रहता है। यह सप्ताह के सभी दिन खुलता है।
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सैंट्रल पार्क (Central Park)
सेंट्रल पार्क राजस्थान के लोकप्रिय शहर जयपुर का सबसे बड़ा पार्क है। जिसका निर्माण जयपुर के विकास प्राधिकरण द्वारा कराया गया था। जिसका उद्घाटन राजस्थान की पूर्व मुख्य मंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे सिंधिया ने 21 जनवरी 2006 में किया था। यह पार्क जयपुर के लोकप्रिय पर्यटक स्थलों में से एक है। इस पार्क में भारत का सबसे ऊँचा राष्ट्रीय ध्वज है जिसकी ऊँचाई 206 फिट, लंबाई 28 फीट और चौड़ाई 72 फीट है। सेंट्रल पार्क 129 एकड़ क्षेत्र में बनाया गया है। इसका रखरखाव जयपुर विकास प्राधिकरण के द्वारा किया जाता है। इस पार्क में जॉगिंग पट्टी 5 किलोमीटर है। यहाँ के लोकल लोग सुबह-सुबह दौड़ के लिए आते हैं। पार्क में सुबह-सुबह योग सत्र को भी आयोजित किया जाता हैं। यहाँ एक संगीतमय फव्वारा है जो शाम को रोशनी से जगमगाता है। यह पार्क पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र है। बगीचे के चारों ओर कुछ पत्थर की मूर्तियाँ भी हैं। सेंट्रल पार्क सप्ताह के सभी दिन खुलता है। इस पार्क में जाने के लिए कोई प्रवेश शुल्क भी नहीं देना पड़ता है। यहाँ आप अपने परिवारों के साथ एक दिन का पिकनिक स्थल बन सकते हो।
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भानगढ़ किला (Bhangarh Fort)
भानगढ़ किला राजस्थान के अलवर शहर के अरावली की पहाड़ियों में सरिस्का जंगल की सीमा पर मौजूद है। यह किला राजस्थान में घूमने के लिए पर्यटकों को काफी आकर्षित करता है। भानगढ़ गांव में मौजूद यह किला अब एक खंडहर बन चुका है जिसमे केवल दीवारे ही है कोई छत नहीं है। इस जगह को लोग भूतिया कहते है। यह किला 400 साल पुराना है। कहते हैं यहाँ पर आत्माएं पर्यटकों के साथ बात करने की कोशिश करती हैं। अगर आप अपने जीवन में ऐसा ही कुछ अनुभव करना चाहते हैं। तो आपको अपनी लाइफ में एक बार इस जगह की यात्रा जरूर करनी चाहिए। यह किला 17वीं शताब्दी में माधो सिंह ने अपने छोटे बेटे मानसिंह के लिए बनवाया था। कहा जाता है इस जगह को एक ऋषि ने श्राप दिया था। यहाँ के लोगों का कहना है कि अगर आप यहाँ के घरों की दीवारों के पास अपने कान लगायेंगे तो आपको कुछ अजीब आवाज महसूस होगी। भानगढ़ किला सुबह 6:00 बजे से लेकर शाम के 5:00 बजे तक खुला रहता है। इसलिए सूर्योदय से पहले और सूर्यास्त के बाद किसी को भी भानगढ़ किले में रुकने की इजाजत नहीं है। यहाँ का टिकट भारतीय पयर्टकों के लिए 40 रुपये और विदेशी पर्यटकों के लिए 200 रूपये है। भानगढ़ किले को लेकर यह भी कहा जाता है कि जो कोई भी रात में किले में प्रवेश करता है। वो सुबह वापस नहीं लौट पाता। ये किला पहली नजर में ही देखने में अजीब और डरावना एहसास पैदा करता है। यही वजह है कि धीरे-धीरे गांवों की आबादी इस जगह से काफी दूर हो गई है। इसकी खास बात ये है कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने स्थानीय लोगों और पर्यटकों को रात के वक्त किले में एंट्री करने से मना करती है। वास्तव में भानगढ़ किला इतना भूतिया नहीं है। इस जगह से जुड़ी भूतिया कहानी इस जगह को भूतिया बनाती है। यह एक बहुत ही सुंदर किला है, जिसे देखने के लिए कई पर्यटक आते हैं। लोगों का कहना है कि ये कहानियां यहाँ आने वाले पर्यटकों को उत्सुक करने के लिए बनाई गई हैं। हालांकि यहाँ पर कई बरगद के पेड़ हैं। जिससे इस जगह को देखकर बहुत डर लगता है।
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रामबाग पैलेस (Rambagh Palace)
राम बाग पैलेस जयपुर शहर के केंद्र से लगभग 8 किलोमीटर दूर अजमेर में स्थित एक प्राचीन राजमहल है । जो कभी जयपुर के राजाओं का निवास हुआ करता था । जिसे महाराजा सवाई मान सिंह द्वितीय के द्वारा सन 1957 को एक लक्जरी होटल में बदल दिया गया था । यह पैलेस वर्तमान समय में पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है । जिसे जयपुर का गहना के रूप में भी जाना जाता है । यदि आप भी रामबाग पैलेस जाना चाहते हो तो आपके पास मोटा पैसा होना चाहिए । तभी आप जा सकते हो । इस राम बाग पैलेस में जाने से पहले आपको होटल की बुकिंग करनी पड़ेगी । होटल के स्टाफ से सम्पर्क करके आप जानकारी ले सकते है । राम बाग पैलेस एक ऐतिहासिक और आकर्षक स्थल है जो राजस्थान की समृद्धि और संस्कृति का संगम है । यह महल महाराजा राम सिंह द्वितीय की रानी के लिए बनवाया गया था । यह महल महाराजा की अद्भुत दूरदृष्टि और उनकी शैक्षणिक और सांस्कृतिक रुचियों को दर्शाता है । राम बाग पैलेस को 19वीं सदी में बनाया गया था । इस महल में लोग शाही भोजन और राजस्थान की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के अनुभव को महसूस करते है । महल की वास्तुकला और आंतरिक डिजाइन भी बहुत आकर्षक है । राम बाग पैलेस एक अद्भुत जगह है जिसे देखकर लोग राजस्थान के महाराजाओं की सुंदरता, विरासत और भावना की सराहना कर सकते हैं । इस आलीशान होटल में एक रात रुकने का किराया 24000 से 400000 तक रहता है । यहाँ ठहरना मतलब राजशाही जीवन का आनंद लेने जैसा होगा । यह होटल 47 एकड़ में बना हुआ है । इसे दुनिया के सबसे अच्छे होटल का खिताब भी मिल चुका है ।
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पन्ना मीना की बावड़ी (Panna Meena Ka Bavdi)
भारत के लगभग 2000 बावड़ियों में से लगभग 100 बावड़ी केवल राजस्थान में ही स्थित हैं । बावड़ी मतलब जल भंडारण का टैंक । जिसमे प्राचीन समय में स्थानीय लोगो के जल आपूर्ति के लिए यह बावड़ी बनायी जाती थी । जिसमे से पन्ना मीना की बावड़ी भी शामिल है । इसे पन्ना मीना कुंड, पन्ना मियां कुंड और पन्ना मीना बावरी के नाम से भी जाना जाता है । इस बावड़ी मर पुरे साल पानी भरा रहता है । यह 200 मीटर गहरी बावड़ी विश्व स्तर पर पर्यटकों का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित करती है । पन्ना मीना की बावड़ी राजस्थान का एक पर्यटन स्थल है । जो आमेर, जयपुर में स्थित है । इस खूबसूरत बावड़ी के एक ओर जयगढ़ दुर्ग और दूसरी तरफ पहाड़ों का खूबसूरत नजारा देखने को मिलता है । आमेर के राजमहलों से कुछ दूरी पर स्थित रियासतकालीन कारीगरी का बेजोड़ नमूना पन्ना मीना का कुंड अद्भुत आकार की सीढ़ियों, अष्टभुजा किनारों और बरामदों के लिए विख्यात है । आभानेरी की चाँद बावड़ी तथा हाड़ी रानी की बावड़ी के समान ही इसमें भी तीन तरफ़ सीढ़ियाँ हैं । आप जब भी जयपुर घूमने के लिए आये तो इस बावड़ी को जरूर विजिट करे । यह जयपुर घूमने की जगह में से एक है ।
जयपुर शहर के मशहूर बाजार
अगर आप कभी जयपुर जाये तो वहाँ जो भी कुछ खरीदना चाहते है तो आप ये जयपुर शहर के मशहूर बाजार को देख सकते है।
चांदपोल मार्केट (Chandpole market)
जोहरी बाजार (Johari Bazaar)
नेहरू बाजार (Nehru Bazaar)
बापू बाज़ार (Bapu Bazar)
जयपुर घूमने का सही समय
जयपुर एक गर्म इलाका है। इसलिए गर्मी में यहाँ बहुत गर्म होती है। मेरे अनुभव के हिसाब से आप जयपुर में ऊपर दिए गए सभी जगहों पर आप सर्दी में घूमने का प्लान बना सकते है। जयपुर घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च तक का महीना अच्छा होता है। बस आपको कुछ गर्म कपड़े अपने साथ लेकर जाना होगा। क्योंकि इस समय मौसम ठंडा रहता है। गर्मी से तो बेहतर है आप सर्दियों का मजा ले।
जयपुर के कुछ फेमस स्ट्रीट फूड
जिस प्रकार जयपुर अपने ऐतिहासिक किलों, महलों, संस्कृति और परंपराओं के लिए लोकप्रिय है। उसी प्रकार यह शहर अपने लोकप्रिय स्ट्रीट फूड के बारे में दुनियाभर में लोकप्रिय है। हर एक स्ट्रीट फूड में अलग-अलग और विशिष्ट स्वाद मिलेगा। राजस्थानी भोजन मुंह में पानी लाने वाला और अनोखा स्वाद हर पर्यटकों को पागल कर देता है। ये जयपुर के कुछ लोकप्रिय स्ट्रीट फूड है जिन्हें आपको यहाँ घूमने के दौरान जरूर चखना चाहिए।
1- दाल, बाटी, चूरमा (Dal, baati, churma)
2- श्रीखंड (Shrikhand)
3- गट्टे की सब्जी (Gatte ki sabzi)
4- घेवर (Ghevar)
5- प्याज कचौरी (Pyaz Kachori)
6- लाल मांस (Laal maans)
7- काठी रोल (Kathi Role)
8- गोल गप्पे (Gol Gappe)
जयपुर कैसे जाएं ?
जयपुर जाने के लिए आपको प्रत्येक शहर से ट्रेन बस तथा वायुयान चलते हैं। आप किसी भी वाहन का इस्तेमाल करके जयपुर पहुँच सकते हैं। जयपुर घूमने के लिए आपको लोकल बस या फिर कैब को बुक करना होगा। यहाँ पर अधिक पर्यटक आते रहते हैं। इसलिए राजस्थान सरकार ने लोकल बस की सुविधा उपलब्ध करवाई है। जो आपको कम बजट में प्रत्येक जगह पर घुमाती हैं या फिर आप कैब या ई- रिक्शा आदि को बुक कर सकते हैं। इसके लिए आपको थोड़ा अधिक पैसा खर्च करना पड़ेगा। यदि आप अपने निजी वाहन से है तो फिर और अच्छा है।
जयपुर घूमने में कितना खर्चा आएगा ?
जयपुर में घूमने के लिए आपको कम से कम 2 से 3 दिन लग सकते है। यदि आप अपने परिवार या दोस्तों के साथ जयपुर घूमने जाना चाहते हैं तो आपके पास कम से कम 12000 – 15000 रूपये के बीच का बजट होना चाहिए। तब आप आसानी से जयपुर के सभी जगह पर घूम सकते हैं। जिसमे आपका खाना ,रहना ,घूमना और टिकट का पैसा भी शामिल होगा।
FAQ
QUES1- जयपुर घूमने में कितना दिन लगता है?
जयपुर में घूमने के लिए 2 – 3 दिन का समय लगता है।
QUES2- जयपुर में घूमने के लिए क्या खास है?
जयपुर में घूमने के लिए सबसे खास जगह हवा महल, नाहरगढ़ किला, जल महल, भानगढ़ किला, जयगढ़ किला, आमेर का किला और जंतर मंतर है। जहाँ आप सर्दियों के मौसम में घूमने का प्लान बना सकते हो।
QUES3- जयगढ़ का किला किसने बनवाया था?
जयगढ़ का किला महाराजा स्वाई जयसिंह द्वितीय ने सन 1726 ई. बनवाया था।
QUES4- जयपुर का सबसे बड़ा किला कौन सा है?
निष्कर्ष
इस लेख में हमने आपको जयपुर में घूमने की बेस्ट जगह (Jaipur Me Ghumne Ki Best Jagah) के बारे में जानकारी साझा की है। जहाँ आप अपने परिवार और दोस्तों के साथ घूमने का प्लान बना सकते हो। यदि आपको हमारी यह छोटी सी जानकारी अच्छी लगी हो तो अपने दोस्तों को भी शेयर करे।
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