इस लेख में हम आपको अयोध्या में घूमने की जगहों (Ayodhya Me Ghumne Ki Best Jagah) के बारे में बतायेगे। उत्तर प्रदेश में स्थित भगवान श्रीराम की जन्मभूमि ‘अयोध्या’ देश के सबसे प्राचीन शहरों में से एक है। यह हिंदुओं का प्रमुख तीर्थस्थल है। अयोध्या मुख्य रूप से मंदिरों का शहर है। जो सरयूँ नदी के दाएँ तट पर स्थित है। जहाँ आपको घूमने के लिए जरूर जाना चाहिए। अयोध्या का पुराना नाम ‘कौशल’ देश था। अयोध्या को रामनगरी भी कहा जाता है। अयोध्या ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है। वर्तमान समय में इस शहर में एक भव्य राम मंदिर बनाने का कार्य जारी है। राम की जन्मभूमि अयोध्या में जाकर आपका मन खुश होगा और दिल को एक सुकून मिलेगा। रामजन्म भूमि अयोध्या में सबसे पवित्र जगहों में से एक है। रामजन्म भूमि वह जगह है जहां पर भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था।
अयोध्या में घूमने की जगह – Ayodhya me Ghumne ki Best Jagah
इस लेख में हम आपको उन जगहों के बारे में बताने वाले हैं, जहाँ आपको अयोध्या घूमने की जगह (Ayodhya me Ghumne ki jagah) की लिस्ट में जरूर होना चाहिए। अगर आप भी इस खूबसूरत अयोध्या को देखने का प्लान बना रहे हैं तो आपको इन जगहों पर जरूर जाना चाहिए। यहाँ आप अपनी फॅमिली और बच्चों के साथ जा सकते है।
- श्रीराम जन्मभूमि क्षेत्र (Shri Ram Janambhumi kshetra)
- हनुमान गढ़ी (Hanuman Garhi)
- त्रेता के ठाकुर (Treta Ke Thakur)
- सरयू नदी (saryu nadi)
- राम की पैड़ी (Ram Ki Paidi)
- मणि पर्वत (Mani Parvat Ayodhya)
- कनक भवन (Kanak Bhavan Temple)
- श्री नागेश्वरनाथ मंदिर (Sri Nageshwarnath Temple)
- छोटी छावनी (Choti Chawni)
- दशरथ महल (Dashrath Mahal)
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श्रीराम जन्मभूमि क्षेत्र (Shri Ram Janambhumi Keshtra)
राम मंदिर उत्तर प्रदेश के अयोध्या में श्रीराम जन्म भूमि (Shri Ram Janma Bhoomi) स्थल पर बनाया जा रहा है। राम मंदिर एक हिंदू मंदिर है जो भगवान विष्णु के (7वां अवतार) भगवान श्री राम को समर्पित है। यहीं पर श्रीराम की जन्मस्थली है। इस मंदिर का निर्माण अभी जारी है। इस मंदिर के निर्माण की देखरेख “श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र” द्वारा की जा रही है। 5 अगस्त 2020 को भूमि-पूजन भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने किया था। इस मंदिर के गर्भगृह में रामलला की मूर्ति को तराशने के लिए नेपाल में गंडकी नदी से जनवरी 2023 में दो “शालिग्राम चट्टानें” भेजी गईं थीं। जो एक 26 टन और दूसरा 14 टन का है।
इस राम मंदिर के परिसर में सूर्य, गणेश, शिव, दुर्गा, अन्नपूर्णा और हनुमान जी की मूर्तियाँ भी होगी।
नोट – यहाँ सुरक्षा के चलते आप अपने साथ कुछ रूपये और प्रसाद के अलावा और कुछ नहीं ले जा सकते है। आपको अपनी सुरक्षा जांच करवानी पड़ेगी। आपको अपना सामान अपने होटल, धर्मशाला या अपनी कार में रखकर आये। यदि आप अपने साथ कुछ सामान लेके आ गए है तो उसे रास्ते में कही जमा कर दे। बहुत सी प्रसाद वाली दुकाने है जो आपका सामान सुरक्षित रख लेती है। सरकारी लाकर भी उपलब्ध है।
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श्री हनुमानगढ़ी मंदिर (Sri Hanuman Garhi Mandir)
श्री हनुमान गढ़ी अयोध्या शहर के बीचो बीच बना हुआ है। यह अयोध्या का सबसे प्रमुख मंदिर है। हनुमानगढ़ी मंदिर भगवान राम के सबसे प्रिय भक्त श्री हनुमान जी का मंदिर है। हनुमान जी का ये मंदिर राजद्वार के सामने ऊंचे टीले पर स्थित है। यही से हनुमान जी रामजन्मभूमि एवं रामकोट की रक्षा करते थे। इस मंदिर में बाल हनुमान के साथ माता अंजनि की प्रतिमा है। माना जाता है कि अयोध्या में आने से पहले हनुमागढ़ी में हनुमान जी के दर्शन करने चाहिए। क्योंकि भगवान श्रीराम ने लंका से लौटने के बाद अपने प्रिय भक्त हनुमान को रहने के लिए दिया था। तब उन्होंने कहा था कि जब भी कोई भक्त अयोध्या आएंगे तब वो सबसे पहले हनुमान जी के दर्शन करेंगे। इस बात का वर्णन हमारे अथर्ववेद में है। श्रद्धालुओं का मानना है कि इस मंदिर में आने से उनकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
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त्रेता के ठाकुर (Treta Ke Thakur)
अगर आप अयोध्या की यात्रा करने के लिए प्लान बना रहे हैं तो आपको त्रेता के ठाकुर (Treta Ke Thakur ) जी के इस पवित्र मंदिर के दर्शन जरुर करना चाहिए। यह मंदिर अयोध्या में सरयू नदी के तट पर स्थित है। यह एक प्राचीन मंदिर है। यह मंदिर एकादशी या कार्तिक के पवित्र महीने के ग्यारहवें दिन खुलता है। इस स्थान पर एकादशी के दिन पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ रंगारंग समारोह भी मनाया जाता है जो स्थानीय लोगो के साथ साथ बड़ी संख्या में श्रद्धालुयों और पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करता है। इस मंदिर में भगवान राम सीता, लक्ष्मण, हनुमान, भरत और सुग्रीव सहित कई मूर्तियाँ है। जो प्राचीन समय में काले रेत के पत्थरों से बनाई गई थीं। कहा जाता है कि यह वही जगह है जहाँ पर श्री राम ने “अश्वमेध यज्ञ” किया था। अयोध्या में घूमने के प्रमुख तीर्थ स्थलों (Ayodhya Me Ghumne Ki Jagah ) में से एक है त्रेता के ठाकुर जी मंदिर
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सरयू नदी (Saryu Nadi)
सरयू नदी का अपना अलग इतिहास और पहचान है जिसका नाम सुनते ही मन अयोध्या (राम की नगरी) में पहुँच जाता है। यह नदी श्रीराम के वनवास जाने से लेकर अयोध्या वापस आने तक कि साक्षी रही है। जब भी लोग अयोध्या में राम लला के दर्शन के लिए आते है। तो वह सरयू नदी में नहाते है। ऐसा माना जाता है कि सरयू नदी में नहाने से सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है। स्नान करने से भगवान श्रीराम का भी आशीर्वाद मिलता है। आप राम घाट, लक्षमण घाट, नया घाट, और गुप्तार घाट में कही भी स्नान कर सकते है। आप सरयू नदी में नौका विहार का भी आनंद उठा सकते है यहाँ आपको नाव वाले 100 – 200 रूपये में नाव की सैर करा देते है। आपको नाविक सरे घाटों के बारे में भी बता देंगे।
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राम की पैड़ी (Ram Ki Paidi)
अयोध्या में राम की पैड़ी सरयू नदी के किनारे स्थित घाटों की एक श्रंखला है। पवित्र सरयू के जल में पवित्र स्नान करने के लिए प्रतिदिन बड़ी संख्या में तीर्थयात्री आते हैं। यहाँ स्नान करने से सभी पाप धुल जाते हैं। राम की पैड़ी और पूरे अयोध्या नगरी में दिवाली के दिन इस स्थान की सुन्दरता को रात में देखा जा सकता है। लोग इस घाट पर दीये जलाते है। दीपावली के दिन यह घाट दीपों से जगमाता है। जो देखने में बहुत ही खूबसूरत लगता है।
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मणि पर्वत (Mani Parvat Ayodhya)
मणि पर्वत अयोध्या में घूमने की जगह (Ayodhya Me Ghumne Ki Jagah) में से एक है जिसे आप देखने जा सकते है। कहा जाता है कि जब लंका में रावण के साथ युद्ध के दौरान लक्ष्मण मूर्छित हो गए थे। तब उन्हें बचाने के लिए जब हनुमान जी संजीवनी बूटी का पूरा पर्वत लेकर आ रहे थे। तब श्रीराम के भाई भरत ने राक्षस समझकर हनुमान जी पर तीर चला दिया था। जिससे हनुमान जी और मणि पर्वत अयोध्या की धरती पर गिर गए थे। जब हनुमान जी ने भरत को लक्ष्मण के मूर्छित होने की बात बताई। तो भरत ने उन्हें वहाँ से पर्वत सहित जाने की आज्ञा दी। यह मणि पर्वत उसी पर्वत का टुटा हुआ हिस्सा है जो आज भी अयोध्या में है। यही कारण है कि यहाँ आने वाले पर्यटक और श्रद्धालु इस पर्वत को देखने जरूर आते है।
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कनक भवन (Kanak Bhavan)
कनक भवन अयोध्या के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। यह कनक भवन श्रीराम जन्मभूमि में रामकोट के उत्तर-पूर्व में है। इस मंदिर में भगवान राम व सीता की बेहद खूबसूरत प्रतिमा है जिनके सिर पर सोने का ताज स्थापित है। कहा जाता है कि माता कैकई ने यह भवन भगवान राम से विवाह के बाद देवी सीता को मुँह दिखाई के रूप में उपहार में दिया था। कनक भवन श्रीराम और सीता का निजी महल है। इस भवन के एक हिस्से में गीत-संगीत का अद्भुत प्रदर्शन किया जाता है जो यहाँ का मुख्य आकर्षण है। यही कारण है कि यहाँ यात्रियों की भारी भीड़ लगी रहती है।
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श्री नागेश्वरनाथ मंदिर ( Sri Nageshwarnath Temple)
नागेश्वरनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर अयोध्या के राम की पैड़ी में स्थित है। नागेश्वर नाथ को सांपों के भगवान के रूप में जाना जाता है। इस मंदिर में शिवरात्रि बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। शिवरात्रि के दिन शिव बारात का भी बड़ा महत्व है। शिवरात्रि के पर्व में यहाँ हजारों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित होते हैं। मान्यता है कि इस नागेश्वर नाथ मंदिर की स्थापना भगवान श्रीराम के पुत्र कुश ने करवाया था। कहा जाता है कि एक बार कुश जब सरयू नदी में नौका बिहार कर रहे थे तब अचानक उनके हाथ से बाजूबंद खुलकर नदी में गिर गया। जो सरयू नदी में वास करने वाले कुमुद नाग की पुत्री को मिल गया। यह बाजूबंद वापस पाने के लिए राजा कुश तथा नाग कुमुद के बीच युद्ध हुआ। जब नाग हारने लगा तो उसने भगवान शिव का ध्यान किया। तब भगवान शिव ने स्वयं आकर इस युद्ध को रुकवाया। कुमुद नाग ने बाजूबंद देने के साथ भगवान शिव से अनुरोध किया कि उनकी पुत्री कुमुदनी का विवाह कुश के साथ करा दें। कुश ने इस प्रस्ताव को स्वीकार किया। कुश ने भगवान शिव से प्राथना की कि वे हमेशा यहीं वास करें। तब भगवान शिव ने उनकी इस याचना को स्वीकार कर लिया। नागों के ध्यान करने पर भगवान शिव प्रकट हुए थे। इसलिए इसे ‘नागेश्वर नाथ’ के नाम से जाना जाता है। इसके बाद राजा कुश ने अयोध्या में नागेश्वर नाथ मंदिर की स्थाापना की।
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छोटी छावनी (Choti Chawni)
वैसे तो अयोध्या में चार छावनी थी जैसे – तुलसीदास जी की छावनी, बड़ी छावनी, तपसी जी की छावनी और छोटी छावनी। जिसमे तुलसी दास जी की छावनी पूरी तरह खत्म हो गई है। बाकि की तीन बची है। जिनमे से छोटी छावनी अयोध्या की सबसे महत्वपूर्ण छावनी है। बाकी सभी छावनियों की तुलना में यहाँ चहल-पहल ज्यादा रहती है। अयोध्या में सफेद संगमरमर और शानदार नक्काशी में बनी इस छोटी छावनी को वाल्मीकि भवन या मणिरामदास छावनी के नाम से भी जाना जाता है। छोटी छावनी में साधु संत रहते है। छोटी छावनी की गुफाओं की संख्या 34 हैं। छोटी छावनी के महंत नृत्यगोपालदास जी है।
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दशरथ महल (Dashrath Mahal)
दशरथ महल अयोध्या के बीचो-बीच में बना है। यह महल ठीक उसी जगह बना है जहाँ राजा दशरथ का मूल निवास स्थान हुआ करता था। राजा दशरथ अयोध्या के राजा और भगवान श्री राम के पिता थे। इस महल के मंदिर में श्री राम, सीता और लक्ष्मण की मूर्तियाँ है। यह दशरथ महल हनुमान गढ़ी से 50 मीटर की दूरी पर है। इस महल का प्रवेश द्वार एक बड़ा सा नक्खाशीदार किला नुमा है और जैसे ही आप इसके अन्दर जायेंगे विशाल आंगन है। इस परिसर में भगवान श्रीराम के भजन कीर्तन होते रहते है। राजा दशरथ अपने दशरथ महल में अपने मित्रों, नाते और रिश्तेदारों के साथ रहा करते थे। राम विवाह, दीपावली, श्रावण मेला, चैत्र नवमी और कार्तिक मेला आदि त्योहारों का विशेष महत्व है। यह बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। इन त्योहारों को मनाने के लिए सैलानी बहुत दूर-दूर से आते है।
अयोध्या में घूमने के लिए सबसे अच्छा समय कौन सा है ?
वैसे तो अयोध्या आप कभी भी जा सकते है। लेकिन अयोध्या जाने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से दिसंबर के बीच का रहता है क्योकि इसी समय मौसम और उत्सव दोनों बढ़िया रहते है। यहाँ राम विवाह, श्रावण मेला, दीपावली, दशहरा, चैत्र नवमी और कार्तिक मेला आदि त्योहारों का विशेष महत्व है। यह उत्स्व बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। इन त्योहारों को मनाने के लिए सैलानी बहुत दूर-दूर से आते है। आप भी अपने दोस्तों और फैमिली के साथ आ सकते हो।
अयोध्या में कहाँ रुके ?
वैसे तो अयोध्या में आने वाले पर्यटकों को काफी अच्छी सुविधाओं के साथ रहने के लिए जगह मिल जाती हैं। यदि आप अयोध्या में होटल में रुकना चाहते हैं तो वहाँ पर एक से बढ़कर एक होटल मिल जायेंगे। जिसका रेट 500 से 800 रूपये तक रहता है।
वही यदि आप कम बजट में अच्छी सुविधा के साथ रहने के लिए जगह चाहते हैं तो अयोध्या में कई सारे धर्मशाला भी हैं। जहाँ पर आपको AC और None AC के कमरे मिल जाएंगे। जैसे –
- बिरला धर्मशाला अयोध्या
- जानकी महल ट्रस्ट ( श्री राम अष्टांग सेवा )
- कनक भवन धर्मशाला
- रामलला सदन धर्मशाला
- मानस भवन
- श्री सीता राज महल धर्मशाला
- गुजराती धर्मशाला
निष्कर्ष
इस लेख में हमने आपको श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में घूमने की जगह (Ayodhya Me Ghumne ki Best Jagah) के यात्रा से जुड़ी आवश्यक जानकारी को बताया है। आप जब भी अयोध्या जाने का प्लान बनये तो आपको यह जानकारी काम आएगी। इसे आप अपने दोस्तों को भी शेयर कर दे। ताकि आप अपने फ्रैंड्स के साथ घूम सके। हमें उम्मीद है कि आज यह लेख आपको अयोध्या की यात्रा को सरल बनाने में मदद करेगा। इस लेख से संबंधित कोई भी प्रश्न हो तो कमेंट में लिखकर जरूर बतायें। लेख अच्छा लगा हो तो इसे अपने सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें।
FAQ
QUES 1- अयोध्या में कौन सा घाट प्रसिद्ध है?
उत्तर प्रदेश की अयोध्या घाटों और मंदिरों की नगरी कही जाती है। सरयू नदी की पवित्र जल धारा यहाँ से होकर बहती है। इस नदी के किनारे प्रमुख रूप से 14 घाट हैं। जिनमे ज्यादातर गुप्तार घाट, नया घाट, लक्ष्मण घाट, जानकी घाट और राम घाट प्रसिद्ध है। अयोध्या आने के बाद श्रद्धालु इन घाटों में स्नान जरूर करते हैं।
QUES 2- अयोध्या में कितने पर्यटन स्थल हैं?
अयोध्या में सरयू नदी किनारे पर बने घाटों में से गुप्तार घाट सबसे प्रसिद्ध घाट है। क्योंकि यह वही जगह है जहाँ पौराणिक मान्यता के अनुसार भगवान श्रीराम जी ने जलसमाधि ली थी। यही से वो अपने विष्णु रूप में बैकुंठ लोक में चले गये थे। इसलिए इस घाट को गुप्तार घाट कहा जाता है। इस घाट को हिंदुओं का बहुत ही पवित्र और धार्मिक स्थान माना जाता है।