लखनऊ के प्रसिध्द मंदिर-Lucknow Ke Famous Mandir 2024

लखनऊ, उत्तर प्रदेश, भारत के प्रमुख शहरों में से एक है। इस लेख में हम आपको Lucknow Ke Famous Mandir जो इस शहर की सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाते हैं। लखनऊ में भगवान शिव, श्री हनुमान, मां दुर्गा, भगवान विष्णु और अन्य देवी-देवताओं के मंदिर प्रसिद्ध हैं। उनमे से  कुछ ऐसे मंदिर है जो आप नहीं जानते होंगे। आज हम ऐसे मंदिरों के बारे में जानेगें जो कुछ नए और कुछ पुराने मंदिर है इन मंदिरों पर हर तीज और त्योहारों पर भगतों की भीड़ लगी ही रहती है। हमारा लखनऊ ऐतहासिक मंदिरों के लिए भी जाना जाता है। अगर आप लखनऊ से है तो आपको यहाँ जरूर जाना चाहिए।

लखनऊ के प्रसिध्द मंदिर – Lucknow Ke Famous  Mandir

वैसे तो लखनऊ में बहुत सी जगह है घूमने के लिए उनमे से लखनऊ के मंदिर भी लोगो को अपनी खूबसूरती की ओर आकर्षित करते है अगर आप लखनऊ के यात्रा पर है तो आपको लखनऊ के इन प्रसिद्ध मंदिर पर जरूर जाना चाहिए।

  1. चंद्रिका देवी मंदिर,लखनऊ
  2. श्री वेंकटेश्वर मंदिर,लखनऊ 
  3. अलीगंज हनुमान मंदिर,लखनऊ
  4. हनुमान सेतु मंदिर,लखनऊ 
  5. हनुमंत धाम मंदिर,लखनऊ
  6. शीतला देवी मंदिर,लखनऊ 
  7. मनकामेश्वर मंदिर,लखनऊ
  • चंद्रिका देवी मंदिर, लखनऊ

माँ चंद्रिका देवी मंदिर बी के टी लखनऊ

लखनऊ के तहसील बीकेटी के कठवारा गांव में स्थित है आदि शक्ति पीठ मां चंद्रिका देवी का मंदिर। यहाँ नवरातों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ लगी रहती है। इसे ‘माही सागर तीर्थ’ भी कहा जाता है। कहा जाता कि भगवान श्रीराम के भाई लक्ष्मण के पुत्र चंद्रकेतु ने इस मंदिर को स्थापित किया था। मान्यता है कि एक बार राजकुमार चंद्रकेतु अपनी सेना के साथ इस जगह से गुजर रहे थे। चलते-चलते रात हो गई थी। चारों ओर घनें जंगल में अंधकार से घबराकर राजकुमार ने मां की आराधना की तो पल भर में वहां चांदनी फैल गई और उन्हें मां के दर्शन हुए। जिसके कारण इस मंदिर का नाम चंद्रिका देवी पड़ा यहां पर लोग अपने बच्चों का मुण्डन संस्कार कराते है माँ चन्द्रिका देवी मंदिर पर लोगों में बड़ी ही आस्था है यहाँ भगवान शंकर की विशाल मूर्ति है। यह मंदिर लखनऊ के प्रसिद्ध मंदिर में ख़ास मंदिर है।

  • श्री वेंकटेश्वर मंदिर, लखनऊ

भगवान वेंकेटेश्वर मंदिर लखनऊ

लखनऊ में 27000 वर्ग फीट में बना यह भगवान वेंकेटेश्वर स्वामी मंदिर बहुत सुन्दर और भव्य मंदिर है। यह साउथ इंडिया के मंदिर जैसा लगता है। यह मंदिर तिरुपति बाला जी को समर्पित है। इस मंदिर में भगवान वेंकेटेश्वर,भगवान (तिरुपति बाला), भगवान हनुमान, देवी पद्मावती और नव ग्रह की मूर्तियाँ है। इस मंदिर के खुलने का समय गर्मियों में सुबह 6 बजे से 11 बजे तक और शाम को 5 बजे से 8 बजे तक रहता है। बस सर्दियों में इसका समय बदलता है जो सुबह 7 बजे से 12 बजे तक और शाम को 4 बजे से 7 बजे तक रहता है।

  • अलीगंज हनुमान मंदिर, लखनऊ

माँ चन्द्रिका देवी मंदिर लखनऊ

लखनऊ के अलीगंज में हनुमान मंदिर आस्था और श्रद्धा का प्रतीक है । भगतों की लाखों की भीड़ आती है और मन्नतें मांगते है। यहाँ घंटा चढ़ाने की परम्परा रही है इसलिए यहाँ इतनी बड़ी संख्या में छोटे से बड़े घंटे इकट्ठा हो जाते है जिससे घंटा चढ़ाने की जगह ही नहीं बचती है। ऐसे में मंदिर के प्रशासन की तरफ से इन घंटे की नीलामी कर दी जाती है। यह बड़े मंगल के शुरु होने से पहले ही कर देते है। अलीगंज के पुराने हनुमान मंदिर के कुछ पौराणिक तथ्यों के अनुसार रामायण काल में जब श्री रामचंद्र जी ने सीता माता का त्याग कर दिया था। तब श्री लक्ष्मण और श्री हनुमान जी माता सीता को छोड़ने कानपुर के बिठूर में वाल्मीकि आश्रम जा रहे थे। तभी काफी रात हो गयी तो उन्हें लखनऊ में हीवेट पॉलीटेक्निक अलीगंज-मन्दिर को जाने वाली सड़क पर एक बड़ा से बाग में रुकना पड़ा लेकिन लक्ष्मण जी गोमती नदी के उसपार रुकना चाहते थे क्योकि वहां अयोध्या राज्य की चौकी थी पर सीता वहाँ नहीं रुकना चाहती थी लक्ष्मण जी वहाँ से चले गए लेकिन हनुमान जी वहीं माता सीता की पहरेदारी की।सी बाग़ में हनुमान जी मूर्ति स्थापित की गई और मंदिर बना। इसी को हनुमान बाड़ी कहा जाने लगा। बाद में नवाबों के समय में इसे हनुमान बाड़ी से बदलकर इस्लाम बाड़ी कर दिया। इसके बहुत दिन बाद (सन् 1792 से 1802 के बीच) अवध के तत्कालीन नवाब मुहम्मद अली शाह की बेगम रबिया को जब कई वर्षो तक कोई संताननहीं हुई तब वह इस इस्लाम बाड़ी में मन्नत माँगने गई उसी रात बेगम के सपने में बजरंग बली आए थे। वे सपने में इस्लाम बाड़ी में अपनी मूर्ति होने की बात कही। अत: बेगम ने जब जमीन को खोदवाया तो वहां पर हनुमान जी मूर्ति गड़ी मिली । इस प्रतिमा को उन्होंने पूरी श्रद्धा के साथ एक सिंहासन पर रखकर हाथी पर बड़े इमामबाड़े की तरफ वर्तमान अलीगंज की सड़क से ले जा रहे थे तभी हाथी बीच में ही बैठ गया वह आगे बढ़ने के लिए तैयार ही नहीं था। तभी बाड़ी के एक साधु ने बताया कि हनुमान जी आगे नहीं जाना चाहते क्योंकि वहाँ लक्ष्मण जी का स्थान है इस प्रकार हनुमान जी को वहीं स्थापित कर दिया गया जहां आज नया हनुमान मंदिर बना है। एक मत के अनुसार अवध के छठें नवाब सआदत अली खां की मां छतर कुंअर ने मंदिर का निर्माण कराया था। अवध के नवाब शुजाउद्दौला की यह बेगम हिंदू थीं और चूंकि सआदत अली खां मंगलवार को पैदा हुए थे। इसलिए प्यार से उन्हें मंगलू भी कहा जाता था। मंगलवार हनुमान जी का दिन होता है, इसलिए हिंदू के साथ-साथ नवाब की आस्था भी इस दिन से जुड़ी रही है।यह मंदिर लखनऊ के प्रसिद्ध मंदिर में ख़ास मंदिर है। 

  • हनुमान सेतु मंदिर, लखनऊ

हनुमान सेतु मंदिर लखनऊ

हनुमान सेतु मंदिर लखनऊ विश्विद्यालय के पास गोमती नदी के किनारे पर स्थित हैजिसे बाबा नीम करोरी ने बनवाया था। यहाँ हनुमान जी के आलावा बाबा नीम करोरी, भगवान श्री गणेश, भगवान शिव, माँ सरस्वती, माँ दुर्गा, माँ लक्ष्मी और श्री राम लक्ष्मण सीता जी की मूर्ति है। यहाँ हनुमान जी अपना सीना चीर कर भगवान श्री राम सीता माता की छवि वाली मूर्ति है। यह लखनऊ के प्रसिद्ध मंदिर में से एक है जहाँ पत्र लिखकर अपनी मंन्नत मांगी जाती है।

  • हनुमंत धाम मंदिर, लखनऊ

 हनुमंत धाम लखनऊ

लखनऊ का सबसे सुंदर धाम हनुमंत धाम है। यह मंदिर लखनऊ के प्रसिद्ध मंदिर में से एक है। जो गोमती नदी के तट पर बना हुआ है। यह हनुमान जी का मंदिर है। इसमें छोटी से बड़ी सभी मूर्तियाँ एक लाख से भी ज्यादा है। हनुमंत धाम की स्थापना गुरु नरसिंह दास ने करवाई थी। इस मंदिर में और तीन भाइयों का भी योगदान रहा है जिनमे उदय सिन्हा, संजय सिन्हा,और विजय सिन्हा है। इस मंदिर के गर्भगृह में दक्षिण मुखी हनुमान जी विराज मान है। आप जिधर भी नज़र घुमायेंगे उधर हनुमान जी ही दिखाई देंगे। इस मंदिर में एक हनुमान वाटिका है जो बेहद ही खूबसूरत है। निकट बहती हुई गोमती नदी और जाती हुई मेट्रो ट्रैन बहुत ही अच्छा लगता है। यहाँ आकर मन को बहुत शान्ति मिलती है। हनुमंत धाम लखनऊ के बाबूगंज, हसनगंज, मोहल्ले में स्थित है।

  • शीतला देवी मंदिर, लखनऊ

माता शीतला देवी मंदिर लखनऊ

लखनऊ के मेहंदीगंज के टिकैतराय तलाब के पास श्री बड़ी शीतला देवी मंदिर स्थित है। इस मंदिर में माता शीतला अपनी सात बहनों के साथ रहती है जिनमें माता सरस्वती, माँ काली, माँ दुर्गा, माँ भैरवी, मां खजुरिया माँ अन्नपूर्णा, माँ चंडी, मंसा देवी, संकटामाता भी पूजी जाती हैं। शीतलाष्टमी पर मां शीतला की आरती कर बताशा और बासी हलुआ, पूड़ी, पुआ, गुलगुला, ऐठी-ग्वैठी का भोग लगाया जाता है। इस मंदिर को और पास के तलाब को राजा टिकैतराय ने बनवाया था। शीतलाष्टमी पर मुंडन संस्कार , कर्णछेदन संस्कार और नव विवाहित जोड़ा माँ का आशीर्वाद लेने के लिए आते है। यहाँ ‘आठों’ का मेला भी लगता है इस दिन भगतों की काफी भीड़ होती है। यह मेला सप्तमी और अष्ट्मी को लगता है। लखौरी की ईटों से बने इस मंदिर में चारमुखी शिवलिंग के साथ कुल 28 शिवलिंग और स्थापित हैं।

  • मनकामेश्वर मंदिर, लखनऊ

मनकामेश्वर मंदिर लखनऊ
मनकामेश्वर मंदिर लखनऊ के डालीगंज में गोमती नदी के किनारे पर बना हुआ है। यह मंदिर शिव-पार्वती का एक प्रसिद्ध मंदिर है। इस मंदिर की मान्यता है कि जब श्री लक्ष्मण जी माता सीता को वनवास छोड़कर वापस जा रहे थे। तब वे बहुत परेशान थे। तब लक्ष्मण जी यहाँ रुककर भगवान शंकर की अराधना की थी जिससे उनके मन को बहुत शांति मिली थी। उसके बाद यहाँ मनकामेश्वर मंदिर की स्थापना कर दी गई। इस मंदिर की खास बात यह है कि यहाँ एक महंत एक औरत है। जिनका नाम देव्‍यागिरी जी है। इन्होने 2008 में महज 28 वर्ष की आयु में इस मंदिर के मठ की गद्दी संभाली थी।

निष्कर्ष

इस लेख में आपको Lucknow Ke Famous Mandir के बारे में जानकारी दी गई है। आशा करते है कि आपको यह लेख काफी पसंद आया होगा। आप जब कभी लखनऊ घूमने का प्लान बनाएं तो आप इन मंदिरों के दर्शन जरूर करे। घूमने के बाद अपने अनुभव जरूर कम्मेंट करे।

FAQ

QUES1-लखनऊ के प्रसिद्ध मंदिर कौन कौन से हैं?

लखनऊ के प्रसिद्ध मंदिर चंद्रिका देवी मंदिर, श्री वेंकटेश्वर मंदिर, अलीगंज हनुमान मंदिर, हनुमान सेतु मंदिर, हनुमंत धाम मंदिर, और मनकामेश्वर मंदिर है।

QUES2- हनुमंत धाम मंदिर कहाँ पर है ?

हनुमंत धाम लखनऊ के बाबूगंज, हसनगंज, मोहल्ले में स्थित है।

QUES3- QUES3- लखनऊ में श्री वेंकटेश्वर मंदिर कहाँ है ?

श्री वेंकटेश्वर मंदिर लखनऊ के बंथरा सिकंदरपुर में स्थित है। यह मंदिर तिरुपति बाला जी को समर्पित है।

READ MORE – लखनऊ में घूमने की जगह 

अयोध्या में घूमने की जगह

Leave a Comment